शनिवार, 1 अगस्त 2020

तूतीनामा

आजकल 
बोला जा रहा है अधिकाधिक
राजनीति पर
भ्रष्टाचार पर
चाटुकारिता पर,

उन तथाकथितों द्वारा
विशेष तौर पर
जिनके सरोकार कभी रहे
इन्हीं से,

आज वे गरिया रहे हैं
उन तुच्छ नेताओं को
जिनके विपक्षी से 
सरकार होने पर करवाते रहे, 
स्थानांतरण और नियुक्तियां,

क्या उनके सरोकार 
नहीं रहे कभी राजनीतिक
भ्रष्ट आचरण किया न होगा
उन्होंने कभी,

आज हर कोई बोल रहा है उसी पर,
जो पहले खुद भी करता था वही,

मनसा वाचा कर्मणा 
कह सकता है कोई
हमेशा रहे वे बिल्कुल पाक साफ,
यदि नहीं तो आज के हमारे वचन
सिवाय बेईमानी के कुछ भी नहीं।

आज हम सिर्फ चरितार्थ करते
'सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली'
मुहावरे को,

पाप के घट में
बूंद बूंद का परिणाम है 
आज की राजनीति
जिसके जिम्मेदार भी हम ही हैं,

सही होते यदि हम, आप और वे सभी 
जो आज हांक रहे हैं डींगें
तो न देखना पड़ते ये दिन,

पर अब सभी की आवाज़ 
उस तूतीनुमा है
जो नक्कारखाने में बज रही है।

© डॉ. भूपेन्द्र हरदेनिया

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