शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2020

हूंक

🕉🕉🛐
👀चालाकियां 
चारों तरफ,
➖➖➖
विरक्तियां 
सब के मन में,
➖➖➖
मजबूरियां
फॅंसती हैं सबके साथ,
➖➖➖
सुनना
किसी की नहीं है,
➖➖➖
समझदार 
सब ,
❓❓❓
समझना
कोई नहीं चाह रहा,
🤔🤔🤔
जमाना
बदलता जा रहा ,
➿➿➿
संवेदनाएं
मर चुकी हैं,
🎶🎶🎶
करुणा
गुजरे जमाने की बात हुई,
🔯🔯🔯
धन
माई बाप सबका,
💲💲💲
त्यागी
बनना नहीं चाहता कोई,
♦♦♦
त्याग 
सब चाहते हैं  दूसरों से,
🔔🔔🔔
पालिटिक्स
गांव गांव घर-घर
🎭🎭🎭
डॉ. भूपेन्द्र हरदेनिया

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