शुक्रवार, 17 जनवरी 2020

डायरी के पन्ने

डायरी के पन्ने

एक दिन पुरानी डायरी का एक पन्ना
अचानक जैसे कुछ कहने लगा
उभरकर कर आए अचानक कुछ नाम 
जो सम्बन्धित थे

एक खुशी से और वह थी भविष्य में,
घर में बच्चे के जन्म लेने जैसी घटना की 
पिता बनने की
इसीलिए अति उत्साह का संचार भी अंतरंग में
साथ इसी के जन्म लेती है एक योजना
योजना अजन्मे बच्चे के नामकरण की

योजना एक विलग किस्म के नाम की,संस्कार की

सोचा गया,पड़ताल की गई,खंगाला गया
शब्दकोशों और विश्वनाम कोशों को,
विवेचना हुई,हुआ विमर्श 
कुछ श्रेष्ठ नामों और उनके अर्थ-पर्यायों पर 
नाम जो निष्कर्षतः सामने थे
जिन्हें चुना गया था मेरे द्वारा सामूहिक रूप से
वे थे वैदिकविनायक,अध्वर्यु,, सिद्धार्थ,ऋषभ,व्योमहर्ष,जलजविलोचन,नलिनकैवल्य
शिशु के जन्म के अट्ठारह माह बाद
वे नाम जो कभी लिखे थे किसी पृष्ठ पर
वे पृष्ठ मानो जानबूझकर कर रहे थे इंतजार समय का
दिखाने के लिए आईना।
इसीलिए वे पुनः उपस्थित हुए मेरे समक्ष
वे ही पृष्ठ मुझे मेरी तत्कालिक मनः स्थिति के लिए कोस रहे हैं
दे रहे हैं उलाहना उन्हीं नामों को प्रत्यक्षदर्शी बनाकर
अभिशप्त,श्रापित-सा मुझे छोड़ पलट जाते हैं फेरकर मुंह अपना 
लौट जाते हैं अपने पन्ने साथियों के पास 
धकेल जाते हैं पछताने के लिए 
अकेला अग्निवन मेंझुलसने के लिए मुझे।

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