रविवार, 31 मई 2020

वास्तु और दोष

घर वास्तु का 
बनवाकर पूजास्थली
कलुषित, कुंठित, कलंकित 
मन में आराधना का भाव न हो 
तो क्या कीजिएगा?

सौर, कॉस्मिक, तापीय, 
चुंबकीय, प्रकाशीय 
और न जाने कौन-कौन सी 
ऊर्जा पर आधारित होता है यह वास्तु
सारी ऊर्जाएँ देती शांति, समृद्धि और सफलता,
ऐसा माना जाता रहा अक्सर इसमें
पर जिंदगी में ज़हर घुला हो
तो क्या कीजिएगा?

गृह निर्माण के पहले
की जाती है पृथ्वी की पूजा
लेकिन फिर भी हम उसे मॉं न मानें 
करते जाएँ उसका दोहन 
तो क्या कीजिएगा?

कमरों में कोणों, लंबाई, चौड़ाई का 
रखा जाता है विशेष ध्यान
लेकिन मन के कोंण बिगड़े,
दिल छोटा हो तो 
क्या कीजिएगा?

कहा जाता है
मिलता सुकून
प्रत्येक कक्ष, दरवाजों के निर्माण में
अगर रखा जाए 
दिशाओं का विशेष ध्यान,
घर पर मांगलिक चिन्हों
का कर प्रयोग,
खुद लिप्त होकर
अमांगलिक कार्यों में,
जीवन की दिशा भटके हों 
तो क्या कीजिएगा?

शौचालय और स्नानघर 
स्वच्छ, वास्तु अनुसार।
मन में मैल, घर के बाहर गंदगी
तो क्या कीजिएगा?

होना चाहिए 
जीवन का लक्ष्य 
मजबूत, वास्तुदोष मुक्त घर 
लेकिन हम कमजोर, भयग्रस्त
या कई मानवीय दोषों से युक्त हों 
तो क्या कीजिएगा?

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