बिटिया रानी, बडी़ सयानी
कहने को वो छोटी मुन्नी,
फितरत जैसे, दादी नानी
सब पर लाड़, सब पर गुस्सा
घर में जैसी गौरैया रानी|
वात्सल्य, प्रेम उढे़लती ऐसे
जैसे टिप टिप बरस रहा हो पानी
शरारतों में सबसे आगे,
सहपरिवार सबने मानी
वाकचातुर्य में वो अव्वल,
याद दिलादे सबको नानी|
भॅंवरे की तरह इधर उधर
धीरे चलना कभी न जानी
भाव, कुभाव समझती सब कुछ
मन निश्छल है, मधुर वाणी
फैशन पाउडर, अभी से लाली,
कानों में पहने है बाली|
बात बात में मोहित करती
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