शुक्रवार, 2 दिसंबर 2022

वसंत सकरगाये की समीक्षा

डॉ. गंगाप्रसाद विमल पर केंद्रित तथा डॉ. भूपेन्द्र हरदेनिया द्वारा सम्पादित पुस्तक  "हिमालय सा देवत्व" की प्राप्ति कल की सबसे बड़ी उपलब्धि रही। डॉ. गंगा प्रसाद विमल से साक्षात्कारों पर आधारित इस पुस्तक में डॉ. हरदेनिया के अलावा सर्वश्री मधु धवन, कलानाथ मिश्र, शशिभूषण बडोनी, अनिल पु. कवींद्र, लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता, देवेश प्रताप, विशाल स्वरूप ठाकुर और सुश्री रंजीता सिंह की बातचीत शामिल है। इन साक्षात्कारों में न केवल विमल जी की सहजता और सादगी के विभिन्न पहलू उभर कर आते हैं बल्कि एक रचनाकार के भीतरी तनाव,उलझने,जटिलताओं तथा भविष्य को लेकर उसकी चिंताओं को भी महसूस किया जा सकता है। विमल जी के बेबाक उत्तरों पर यदि गंभीरतापूर्वक मनन किया जाए तो निश्चित ही हमारी आत्ममुग्धता और मुगालते सिरे ख़ारिज हो जाएँगे।
                    डॉ. हरदेनिया के एक सवाल के जवाब में डॉ. विमल कहते हैं-" सृजन का क्षण कुछ-कुछ गोपनीय होता है। एक तरह की लुका छिपी का खेल,आश्वस्ति पाने की एक प्रक्रिया से भी उसे जोड़ सकते हैं। अपने सृजन के बारे में तो इतना कह सकता हूँ कि वह तब तक गोपनीय ही रहता है जब तक प्रकाशित नहीं हो जाता। मैं इस बारे में बातें भी कम करता हूँ।"....तो एक अन्य प्रश्न के उत्तर में वे कहते हैं-" असल में लेखन थोड़े अलग किस्म का काम है। आपको वह बाकी सभी चीज़ों से अलग कर डालता है। अर्थात वह एक ऐसी गतिविधि है जो भयंकर रूप से व्यक्तिगत है।"
                       धर्म,सत्ता और साहित्य के अंतर्संबंधों को लेकर अनिल पु. कवीन्द्र की बातचीत में विमल जी एक जग़ह कहते हैं-"बहुत सारी महत्त्वपूर्ण चीज़ें धर्म के खाते में डाले जाने पर अधार्मिक और अधर्मी हो जाती हैं।"

               यह पुस्तक इस अर्थ में बहुत पठनीय और संग्रहणीय है कि इस साक्षात्कारों के बहाने हम अपने अग्रज साहित्यकार के दूरगामी दृष्टिकोण के ज़रिए हमारे वर्तमान की पेचीदगियों को समझ सकते हैं तथा एक उचित समाधान को खोजते हुए भविष्य की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
                उल्लेखनीय है कि इस पुस्तक के लिए  डॉ. हरदेनिया को कल मध्यप्रदेश साहित्य सम्मेलन द्वारा श्रीमती माधुरी देवी अग्रवाल स्मृति पुनर्नवा नवलेखन पुरस्कार से नवाजा गया है।
                     इस महत्वपूर्ण तथा श्रमसाध्य क़िताब के लिए डॉ. हरदेनिया जी को बहुत-बहुत बधाई। और पुस्तक भेंट के लिए हार्दिक धन्यवाद।

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