भैया मैं तो चुनाव लडूँगा,
जनता मरती है तो मरती रहे
अपना उल्लू सीधा कर
हर बात पर अडूँगा,
भैया मैं तो चुनाव लडूँगा|
मौका मिला है पहली बार
नहीं करना पडे़गा प्रचार
वेब कैम और मीडिया पर ही
सबसे मुखा़तिब होऊँगा
भैया मैं तो चुनाव लडूँगा|
लाॅकडाउन से आर्थिक हानि
अनलाॅक से तिजोरी भरनी|
नहीं हुए ठेके तो, कैसे चलेंगे काम
कमीशन से ही तो मैं बनूँगा
भैया मैं तो चुनाव लडूँगा|
गाँवों मैं मरी पडी़ है,
पर मुझे अपनी पडी़ है
बीमारी के बहाने
नित आपके दर्शन का,
सौभाग्य प्राप्त करूँगा
भैया मैं तो चुनाव लडूँगा|
जनता पगली भोली भाली
हर बात वो मानने वाली
करे विश्वास जैसे घरवाली
गरीब की गाय वो बेचारी
जैसे चाहूँ वैसे हाकूँगा
भैया मैं तो चुनाव लडूँगा
बात-बतोले करना जाने
मौके को हरदम पहचाने
घोषणावीर हूँ सब पहचाने
एम. बी.ए. का बापू बनकर
फिर सपने बेचूँगा
भैया मैं तो चुनाव लडूँगा|
मुझे कुर्सी जान से प्यारी
देश की जनता गरीब बेचारी
लाक-अनलाक सबसे हारी
चुनाव नतीजे आते ही
फिर लाकडाउन करूँगा
भैया मैं तो चुनाव लडूँगा|
डाॅ. भूपेन्द्र हरदेनिया
चित्र-साभार गूगल
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